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यस आई एम— 28





















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रेस्टोरेंट में कुछ देर काम करने के बाद वह अंगड़ाई लेते हुए बोली। "अब फुर्सत से बताती हूं कि मै इस केस में क्यों नहीं फंसने वाली। कुछ लोगों को इंफॉर्मेशन कलैक्ट करने का बहुत शौक होता है जैसे मै। अपनी इस आदत की वजह से मै किसी से भी कुछ भी पूछ लेती हूं और मेरे मिलनसार बर्ताव की वजह से लोग जल्द ही मेरे साथ घुल मिल जाते है। मुझे मेरी इस आदत की वजह से बहुत फायदा होता है, इसी आदत के चलते मैने हॉस्पिटल के बारे में बहुत सारी इंफॉर्मेशन पहले ही कलेक्ट कर ली। मेरा हॉस्पिटल में बहुत दिनों से आना जाना है जिसकी वजह से वहां का ज्यादातर स्टॉफ मुझे जानने लगा है, यहां तक की हॉस्पिटल के डॉक्टर भी। उनसे मेरी मुलाकात दद्दू की वजह से हुई थी। उनके खाने पीने से रिलेटेड सब कुछ मुझे ही उनसे पूछना पड़ता ही। आदत से परेशान मैने उनसे भी बहुत सारे क्वेश्चन पूछ डाले जैसे एलर्जी कैसी कैसी होती है, किस किस चीज से हो सकती है और भी बहुत सारे सवाल।





ये सोच कर कि लड़की को नॉलेज गैन करने का शौक है यही बात सोच कर उन्होने मुझ से इस बारे में कभी पूछा ही नहीं। पर उन्हें ये कहां मालूम है कि वो मासूम सी और बेचारी सी दिखने वाली लड़की इस नॉलेज का इस्तेमाल कहां कर रही है। अगर इस बात पर उन्हे जरा सा भी शक होता तो वे इस तरह की जानकारी मेरे साथ कभी भी शेयर नही करते। इसके अतिरिक्त दद्दू के फैमस और लोगों से मिलनसार होने का  मुझे बहुत फायदा मिलता है इसलिए वे सभी मुझे आसानी से सब कुछ बता देते है। इन दोनों बातों की वजह से मै पूरे हॉस्पिटल में भटकते हुए इन्फॉर्मेशन भी आसानी से कलेक्ट कर सकती हूं।





अब सबसे पहले बताती हूं कि उस नर्स के बारे में मैने उसी नर्स को ही क्यों चुना। इतने दिन हॉस्पिटल में घूमने के बाद मुझे पता चला कि नर्स को इस तरह से बेहोशी आती रहती है, इसी बीमारी की वजह से मैंने उस नर्स को चुना। ऐसी नर्स को मै आसानी से बेहोश कर सकती थी क्योंकि कई बार तो वह मेरे सामने ही बेहोश हो कर गिर चुकी है और इसी वजह से कभी कभी उसे शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस भी हो जाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर मैने उस के सिर के उसी हिस्से में चोट मारी जिसे बाद में उसे बड़ी आसानी से बेहोशी का नाम दिया जा सके। इत्तीफाक से आगे अगर उसने किसी को बोल दिया की उस के सिर पर किसी ने चोट मारी है, इस बात की वजह से वह ये भी नही कह सकती क्योंकि अपनी इस बीमारी के चलते उसे भी ऐसा ही लगेगा की वह बेहोश हो कर गिर गई होंगी जिसकी वजह से उसे चोट लग गई। इसके अलावा जब उसकी आंखे खुलेंगी तो जिस नर्स के पास मैने उसे छोड़ा था वह भी उसे कह देंगी कि वह आज फिर बेहोश हो गई थी जिसकी वजह से उसके सिर पर चोट लग गई। इस मामले से तो मै बच गई।





अब कोई सोच रहा होगा कि वह दूसरी नर्स मुझ पर शक नहीं करेंगी क्या? इसका सीधा से और सरल से शब्दों में एक ही जवाब है और वह है नहीं। इस से पहले भी मैने कई बार हॉस्पिटल में मौजूद मरीजों की मदद की है, इस आदत का भी अलग ही फायदा है। अच्छे भी बने रहो और कांड भी करते रहो। मेरी इसी आदत की वजह से उसे बिल्कुल और कभी भी भी शक नहीं होगा की उसकी साथी नर्स को मैने ही बेहोश किया था। अब बात आती है डॉक्टर की कि मैने उसके दिमाग को काबू में क्यों किया? उसका कोई ज्यादा बड़ा रीजन नही था। रीजन भी सुन ही लीजिए , डॉक्टर का दिमाग मैने इस वजह से काबू में किया ताकि मै उस नर्स को बुला सकूं। जब तक वह नर्स नही आती तब तक मेरे प्लान पर काम कैसे होता? बस डॉक्टर के दिमाग को काबू में करने का ये ही छोटा सा रीजन था। इससे से सब कुछ नॉर्मल रहता बाकि कुछ नही। कुछ बार काम थोड़े नॉर्मल तरीके से भी कर देने चाहिए इस से फंसने के चांस बहुत ही कम रहते है। डॉक्टर ने उस नर्स को बुलाया इसका गवाह वह चपरासी है बाद में डॉक्टर इस बात से  मुकर भी नही सकता कि उसने ऐसा कुछ किया ही नहीं।





अब कोई आकर बोलेगा कि हॉस्पिटल के सीसीटीवी कैमरा में सब रिकॉर्ड हो गया होगा। पहली बात तो वे लोग कब, कहां और कैसे मरेंगे कुछ पता नही। एक्सिडेंट होगा या कुछ ओर इसका भी नही पता। फिर भी टाइम का कुछ नही पता अगर गलती से छान बीन होने लगी तो ऐसे में तो मै फंस जाऊंगी और उसके बाद पकड़ी जाऊंगी।" इस बात को कहते हुए लड़की के चेहरे पर डर के भाव साफ साफ दिखाई दे रहे थे,पर अगले ही पल डर के उन भावों की जगह एक भयंकर मुस्कान ने ली। 





तुम लोगों को क्या लगता है कि मै इतने दिनों से कौन सा हॉस्पिटल की साफ सफाई करने के लिए वहां पर जाती रही? नही ना! मै वहां पर इसी काम की वजह से जाती थी, इतने टाइम पीरियड में मैने ये चेक कर लिया कि कहां पर कैमरा लगा हुआ है और कहां पर नही, कहां का कैमरा काम करता है और कहां का नही, कहां के कैमरा की रिकॉर्डिंग सही से काम करती है और कहां के कैमरा की नही। इतनी जांच पड़ताल के बाद ही तो मैने उस सुनसान हिस्से को इन सबके लिए चुना, जिस से किसी को पता ही ना चल सके। इसके अतिरिक्त हॉस्पिटल के उस हिस्से का कैमरा की रिकॉर्डिंग ही नहीं रहती। क्यों? नही रहती क्योंकि हॉस्पिटल ही एक जगह है जहां पर सबसे ज्यादा दो नंबर के काम होते है। अब वे दो नंबर के काम कौन कौन से होते है ,वे तो सभी लोगों को मालूम ही होंगे। मै तो मासूम सी बच्ची जो वैसे भी खून खराबे से दूर रहती है। हॉस्पिटल वाले भी तो अपनी चोरी छिपाने के लिए कुछ ना कुछ झोल तो करेंगे ही। ये ही तो लॉ है गलती कोई ओर करता है और फायदा कोई ओर उठाता है , जैसे मैने उठाया।



अब कुछ महानुभवी लोग ज्ञान देते हुए आएंगे कि ऐसे कैसे कोई हॉस्पिटल के कैमरास के बारे में इतनी इनफार्मेशन और डिटेल निकाल सकता है। उन लोगों को सबसे पहले तो दूर से ही सलाम। अब लोग बोलेंगे ये क्या बात हुई मैने जवाब ही नहीं दिया। अरे अरे जवाब देने से किसने मना की है , जवाब तो मैं जरूर दूंगी। पर पहले ही एक बात क्लियर कर देना चाहती हूं कि मै ये बता रही हूं कि मै क्यों नही फंसने वाली, ना की खून कैसे किया जाता है ये बता रही हूं। मै भी ना बार बार ज्ञान देने के चक्कर में मै अपने सवाल से ही भटक जाती हूं। पर क्या करूं आदत से मजबूर। अब जब ज्ञान ज्यादा हो जाता है तो वो कही ना कही तो निकलेगा ही ना। इसके अलावा मै यह सोच कर भी ज्ञान दे देती हूं क्या पता इसे ग्रहण कर कोई भला मानुष सुधर ही जाए।



अब वापिस सवाल के जवाब पर आती हूं। पहले मेरे सवाल का जवाब दीजिए। मेरे सवाल का जवाब सुनकर हैरान मत होइए , हां मेरा सवाल। दुनिया में बहुत काम होते है जो होते तो है पर उनके बारे में सभी को थोड़े ही मालूम होता है। अब ये क्या बात कह दी, कोई काम होता भी है और उसके बारे में पता ही नही। कोई सिर खुजाता हुआ आएगा और मुझे ही बेवकूफ बता देगा या फिर यह बोल देना की मै लोगों के बेवकूफ बना रही हूं। अरे एग्जांपल देकर बताती हूं, वो भी बड़ा ही सिंपल और डेली रूटीन का एग्जांपल। 



फल तो सभी लोग खाते ही है। उसमें से कुछ फल जैसे सेब , अमरूद और केला अगर इन फलों को काटकर,  कुछ देर हवा में रख दे तो लोगों को लगता है कि वे खराब हो गए है। पर वे सच में खराब नही होते, अगर खराब नही होते तो क्या होता है। बता रही हूं इन फलों में आयरन होता है जो ऑक्सीजन के साथ रिएक्शन कर ऑक्साइड बनाता है, आयरन के आक्साइड को ही आम भाषा में जंग लगना कहते है। इसी वजह से फल लाल पड़ जाते है जिसे लोग खराब होना बोल देते है। होता तो ये भी है पर ज्यादतर लोगों को इस बारे में पता नही होता। अब ये थोड़े ही कह दोगे कि ये नही होता। कहां तो कैमरा की बात कर रही थी और कहां फलों पर आ गई। पर अब कुछ लोगों को सीधी बात समझ नही आती , उन्हें एग्जांपल देकर समझाना पड़ता है। 





अब कैमरा के बारे में इतना सब कुछ कैसे पता चला तो ये मेरे लिए कोई बड़ा काम नहीं था। इसके बहुत ही तरीके है , जैसे मै दिमाग को वश में कर सकती हूं। अगर बाय मिस्टेक किसी कैमरा में कोई कमी आ जाए या फिर कुछ ओर। इसके अलावा मेरी सवाल पूछने की आदत। कैमरा के बारे में पता चलाने के बहुत तरीके होते है। अब जरूरी तो नहीं हर बात डिटेल में बताई जाए कि कैसी किया। कुछ लोगों को तो सामने पड़ी हुई चीज भी नही दिखाई देती और वही मेरे जैसे लोग इतनी बारीक से बारीक चीजों पर भी ध्यान देते है , जिसके बारे में लोग सोच भी नहीं सकते। अब यह बात तो क्लियर हो गई होगी कि मै कैमरा में मेरी फुटेज क्यों नहीं आने वाली।





नर्स वाला टॉपिक क्लियर हो गया , डॉक्टर वाला टॉपिक भी क्लियर हो गया, इसके अलावा कैमरा वाला भी क्लियर हो गया। अब बचे वे दोनों पति पत्नी। अब अगर उन्हें शक हुआ कि उनके अंदर ऐसा कुछ है तो क्या होगा। पहली बात तो मैने उन लोगों को इस बारे में पहले ही बता दिया था की दवाई ऐसा रिएक्ट उन लोगों की बॉडी पर कर सकती है तो घबराने की कोई बात नही है। अगर उन लोगों ने मेरी बात को सच माना तो उन लोगों की डेथ कब , कहां और कैसे होंगी मुझे भी नही मालूम। इस मामले में तो सोचने की कोई बात ही नही है। इसके अलावा अगर पता भी चल गया कि उन लोगों के साथ ऐसा कुछ हुआ है तो इसको निकालने का एक ही तरीका है, या तो उस हिस्से को ही काट दिया जाए अगर प्रॉब्लम ज्यादा बढ़ जाए या फिर ऑपरेशन कर लिया जाए। अगर ऐसा हुआ तो मुझ पर शक कही से कही नही आने वाला। 





अब अगर मुसीबत आई भी तो वह नर्स और हॉस्पिटल वाल लोगों पर आएंगी। वैसे भी वे लोग बहुत लापरवाही करते है, स्टूडेंट्स से ही अपना काम करवाते है। अब जिसे काम करना नही आता उससे काम कराएंगे तो ऐसा ही होगा ना! ये डॉक्टर लोग सीधे सीधे आम लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते है।





  अब मैंने सारे पॉइंट्स क्लियर कर दिए है कि मै क्यों नही फंसने वाली। ऐसा कोई सुराख छोड़ा ही नहीं जिसकी वजह से मै फंस जाऊ। बाकी कौन फंसेगा उस से मुझे कोई लेना देना नही है। कोई इतना दिमाग नही लगा सकता कि किसी मासूम सी लड़की ने ये सब फुल प्लानिंग के साथ किया होगा। कैसे एक लड़की ने इतनी इन्फॉर्मेशन एक मर्डर के लिए इक्कठा की होगी? कोई इतना सब कुछ कभी सोच भी नही सकता। जो होना होगा होता रहेगा मै तो पूरी तरह से सैफ हूं। अब इस से ज्यादा सबूत खुद को इनोसेंट प्रूफ करने के लिए मै नही दे सकती।



इतनी बात कहने के बाद वह लड़की अंगड़ाई लेने लगी और उसके बाद बड़बड़ाते हुए बोली। "कितना काम करना पड़ता है इस मासूम बच्ची को। इतना काम करते करते तो इंसान थक ही जाता है। अब कोई बोलेगा कि मर्डर और दिमाग चलाने के अलावा मै करती ही क्या हूं?  इंसान फिजीकली वर्क करने से 8 गुना ज्यादा मेंटली वर्क करने से थकता है। फिजिकली वर्क में इंसान की पूरी बॉडी काम करती है पर मैंटली वर्क में सिर्फ दिमाग। अब पता चला कि मै इतना क्यों थक गई? अब आई मर्डर करने की बारी तो मर्डर करना कौन सा बच्चों का खेल है? वो भी तब जब हर छोटी छोटी बात का ध्यान रखना पड़े, तब तो बिल्कुल भी नही। अपनी इतनी बात कहने के बाद वह लड़की खाना खाने लगी।







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To be continued................


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2 Comments

Aliya khan

24-Dec-2021 05:10 PM

Badiya

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🤫

24-Dec-2021 01:55 PM

इंट्रेस्टिंग...!

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